आज मेरी इन दो आंखों में फिर से थोड़ी अनबन है
एक ने तुमको देखा है और एक तुम्हारा दरपन है
© मनीषा शुक्ला
26 Jul 2017
25 Jul 2017
अकेलापन
ज़िन्दगी में थोड़ा अकेलापन बहुत ज़रूरी है। क्योंकि यही वो जगह है जहां आपकी मुलाक़ात आपसे होती है।
© मनीषा शुक्ला
© मनीषा शुक्ला
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