4 Aug 2020

राम

सजाकर फूल राहों मे तुम्हारी खुद महकती है
तुम्हारे वास्ते हर रोज़ मीठे बेर रखती है
सुनो हे राम आने मे न करना देर अब ज़्यादा
यहाँ इक वावरी शबरी तुम्हारी राह तकती है

©मनीषा शुक्ला