17 Feb 2021

कोई कहानी चाहिए

इतिहास जिसको पढ़ सके

जिसकी लकीरें गढ़ सके

जो हर दिशा में बढ़ सके ऐसी रवानी चाहिए

कोई कहानी चाहिए ।।


हर घाव पर चंदन बने

हर आह पर क्रंदन बने

सपनें भले कम हों, नयन में ख़ूब पानी चाहिए

कोई कहानी चाहिए ।।


जो चाँद को पहलू भरे

जो रात पर क़ाबू करे

छूकर हवा जिसको थमे, वह रातरानी चहिए

कोई कहानी चाहिए ।।


रंगीन है हर ओढ़नी

खबरें हुई हैं सनसनी

इस गाँव को अब खेत में मेहंदी उगानी चाहिए

कोई कहानी चाहिए ।।


हो चाँद पर बंगला जहाँ

बादल बने जंगला जहाँ

सब प्रेमियों को एक दुनिया आसमानी चाहिए

कोई कहानी चाहिए ।।


हर ज्ञान, संयम खो चला

है भाग्यहीन शकुंतला

दुष्यंत को भूली हुई कोई निशानी चाहिए

कोई कहानी चाहिए ।।


©मनीषा शुक्ला

5 Feb 2021

यही सबकी कहानी है

नहीं  चलती  खिलौनों  की  कभी  तक़दीर के  आगे

जुड़े   हैं  आसमानों   में   कहीं   पर   प्रीत के   धागे

यही  है  बेबसी  सबकी,   यही   सबकी   कहानी  है

किसी की आंख का सपना, किसी की आंख में जागे


©मनीषा शुक्ला


4 Feb 2021

तुम्हारा फ़ोन आने पर

बहुत होती है रुसवाई, तुम्हारा फ़ोन आने पर

हुआ सिग्नल भी हरजाई, तुम्हारा फ़ोन आने पर

तुम्हारी एक फ़ोटो से हुआ रंगीन मोबाइल

चहक उट्ठी है तन्हाई, तुम्हारा फ़ोन आने पर

©मनीषा शुक्ला