तुम्हारा ही तुम्हारा है, हमारा नाम का है दिल
फ़िदा रंगीनियों पर है, किसी गुलफ़ाम का है दिल
बला से टूटता है तो किसी दिन टूट ही जाए
अगर तुम पर नहीं आया तो फिर किस काम है दिल
©मनीषा शुक्ला
तुम्हारा ही तुम्हारा है, हमारा नाम का है दिल
फ़िदा रंगीनियों पर है, किसी गुलफ़ाम का है दिल
बला से टूटता है तो किसी दिन टूट ही जाए
अगर तुम पर नहीं आया तो फिर किस काम है दिल
©मनीषा शुक्ला
हमारी आँख का काजल, किसी का नूर हो जाता
वफ़ा से बेवफ़ाई का यही दस्तूर हो जाता
किसी के काम आ जाती अगर रुसवाइयाँ अपनी
हमें बदनाम करने में कोई मशहूर हो जाता
©मनीषा शुक्ला