5 Feb 2021

यही सबकी कहानी है

नहीं  चलती  खिलौनों  की  कभी  तक़दीर के  आगे

जुड़े   हैं  आसमानों   में   कहीं   पर   प्रीत के   धागे

यही  है  बेबसी  सबकी,   यही   सबकी   कहानी  है

किसी की आंख का सपना, किसी की आंख में जागे


©मनीषा शुक्ला


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