15 Aug 2019

राखी

उनींदे नैन को कुछ लोरियां मां की बुलाती थी
रही जो सात फेरों की रसम बाकी बुलाती थी
लिपटकर आज सैनिक सरहदों से फूटकर रोया
उधर राखी बुलाती थी, इधर खाकी बुलाती थी

©मनीषा शुक्ला


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