तुम्हारा ही तुम्हारा है, हमारा नाम का है दिल
फ़िदा रंगीनियों पर है, किसी गुलफ़ाम का है दिल
बला से टूटता है तो किसी दिन टूट ही जाए
अगर तुम पर नहीं आया तो फिर किस काम है दिल
©मनीषा शुक्ला
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