23 Jan 2021

अलग बात है

प्रेम करना अलग बात है, प्रेम  पाना  अलग  बात है
युद्ध लड़ना अलग बात है, जीत जाना अलग बात है

है गगन तो सभी का मग़र, पँख सबको कहाँ मिल सके
नींद सबको मिली है मग़र, ख़्वाब  सबके नहीं  हैं  पके

फूल खिलना अलग बात है, रंग आना अलग बात है

जीत बैठें मुक़दमा मग़र फैसला हक़ में आया नहीं
एक बंधन न टूटा कभी, एक जाए निभाया नहीं 

रो न पाना अलग बात है, मुस्कुराना अलग बात है

एक छत चाहिए जो बने, एक टुकड़ा निजी आसमाँ
एक मलबा मिला है मग़र तोड़कर ख़्वाहिशों का मकां

ईंट-पत्थर अलग बात है, आशियाना अलग बात है

आँसुओं को भला किस तरह शब्द से कोई सिंगार दे
आह से आह कैसे जुड़े, टीस को क्या अलंकार दे

पीर सहना अलग बात है, गीत गाना अलग बात है

©मनीषा शुक्ला

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