4 Oct 2017

मेरी ज़िंदगी

अब संवरने लगी है मेरी ज़िंदगी
इश्क़ करने लगी है मेरी ज़िंदगी
मुझको जीना सिखाने चली थी मग़र
तुमपे मरने लगी है मेरी ज़िंदगी

© मनीषा शुक्ला

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