MANISHA SHUKLA
1 Feb 2019
सुरूर
नया-नया सा सुरूर है वो, अभी नया है कमाल उसका
अभी नज़र में वही रवां है, अभी नया है जमाल उसका
न रात गुज़रे, न चाँद भाए, न नींद आए, न जान जाए
अभी जगाएगा रात भर वो, अभी नया है ख़याल उसका
©मनीषा शुक्ला
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