MANISHA SHUKLA
26 Apr 2019
धरती की मनुहार
कितने सारे पनघट रीते, कितनी ही नदियां हार गईं
लेकिन बादल के कानों तक, कब धरती की मनुहार गई?
© मनीषा शुक्ला
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment