MANISHA SHUKLA
17 Oct 2019
घुला है चाँद पानी में
न सोचो रोशनी का बुलबुला है चाँद पानी में
ये आंखें ख़ूब रोईं, तब धुला है चाँद पानी में
नहीं रंगत निखरती है कभी भी झील की यूं ही
किसी ने धो लिया चेहरा, घुला है चाँद पानी में
©मनीषा शुक्ला
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