14 Sept 2020

इश्क़ कैसा जो, सलामत छोड़ देता है

मुहब्बत हो जिसे जाए, इबादत छोड़ देता है
डरा जो दर्द से अक्सर, मुहब्बत छोड़ देता
न जाए जान जब तक, दिल बहुत बेचैन रहता
भला वो इश्क़ कैसा जो, सलामत छोड़ देता है

©मनीषा शुक्ला

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