9 Sept 2018

प्यार हुआ है

ऐसे थोड़ी रंग अचानक
मन को भाने लग जाते हैं
ऐसे थोड़ी चंचल भौरें
खिलती कलियां ठग जाते हैं
ऐसे थोड़ी कोई बादल
धरती चूमें पागल होकर
ऐसे थोड़ी नदिया का मन
छू आता है कोई कंकर
ऐसे थोड़ी बातों में रस, गीतों में श्रृंगार हुआ है
मेरी मानो, प्यार हुआ है

ऐसे थोड़ी चीजें रखकर
कोई रोज़ भुला देता है
ऐसे थोड़ी कोई चेहरा
हमको रोज़ रुला देता है
ऐसे थोड़ी जल कर रोटी
रोज़ तवे पर मुस्काती है
ऐसे थोड़ी कॉफी में अब
शक्कर ज़्यादा हो जाती है
ऐसे थोड़ी टेढ़ा-मेढ़ा दुनिया का आकार हुआ है
मेरी मानो, प्यार हुआ है 

ऐसे थोड़ी कोई किस्सा
प्रेम-कहानी हो जाता है
ऐसे थोड़ी दो आंखों में
कोई दरपन खो जाता है
ऐसे थोड़ी एक गुलाबी
काग़ज़ पर कुछ मन आता है
ऐसे थोड़ी सूरज बिंदिया,
चन्दा कंगन बन जाता है
ऐसे थोड़ी ह्रदय सियाना, पागल सब संसार हुआ है
मेरी मानो, प्यार हुआ है 

ऐसे थोड़ी फ़िल्मी गाने
होंठों पर ठहरा करते हैं
ऐसे थोड़ी नैन हमारे
ख्वाबों का पहरा करते हैं
ऐसे थोड़ी नाम किसी का
लिखते हैं कॉपी के पीछे
ऐसे थोड़ी साथ किसी के
चल देते हैं आंखें मीचें
ऐसे थोड़ी इक क़तरे का लहज़ा पारावार हुआ है
मेरी मानो, प्यार हुआ है 

© मनीषा शुक्ला

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