10 Jan 2019

हमारे भाव बोलेंगे, तभी भाषा सफल होगी

करम जो श्रेष्ठ हो,फल की तभी आशा सफल होगी
उनींदे नैन की हर एक अभिलाषा सफल होगी
भले गुणगान हम करते रहें निज मातृ-भाषा का
हमारे भाव बोलेंगे, तभी भाषा सफल होगी

©मनीषा शुक्ला

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